शनिवार, 30 अप्रैल 2022

कविताए

 हनुवंत नाम संत अति नामी आप हिमालय ध्यान धरयो

भारत माता री रक्षा खातर वो रण माहि दो दो बार लड्यो
जसोल धरती जलम लेयने धरम धजा फहराय चल्यो
जोग साधियो भोग छोड़ने सूर संत बण इण धर बिचरयो
राजावत श्रवण सी कृत

राजस्थानी

🌺नाराच छंद🌺
मया पहाड़वासनी सुनो सदा उचारता
निवास आपको हदे सदा मया ज चावता
करो अज्ञान दूर माँ खड़ो सदा अर्जी करूँ
शब्दा सिंगार मात आप को घणो घणो करूँ।।1।।

त्रिलोक लोक आपके सदैव पाद चूमते
अनेक सूर तेज से रहे हमेश घूमते
करो कृपा मया सुनो करूँ दयाल विनती
रखो हमें हमेश छाँह में अर्जी सुनो दीनकी।।2।।

लगी रही यही ज आश मात आज आपसे
बचावती रहो सदा हमें मया विनाश से
करूँ यही विनती मया सुनो बार बार में
रखो बनाय दास मात आपके ज द्वार पे।।3।।

कपूत पूत हो भले कुमात माँ न होवती
भले नहीं करे भला हमेश मात जोवती
रखावती हमें सदा कुमारिका ज गोद में
रहे कही रखे वही हमेश मात मोद में।।4।।
राजावत श्रवण सी कृत

शुक्रवार, 23 अगस्त 2013


hamara lakshya

श्री अरविन्द के अनुसार हमारे जीवन का एक लक्ष्य है और वो लक्ष्य है उस परमसत्ता की तरफ अधिक सचेतन होना अगर हम अपने जीवन में उस सत्ता का अंश मात्र भी अनुभव करते है तो  समझाना चाहिए की हमारा यह मानव जीवन सफल हो रहा है सभी प्रकार के प्रलोभनों को पीछे छोड़कर हमें अपने आपको समता की स्थिति में रखने की कोसिस करनी चाहिए अगर हम लाभ हनी जय और पराजय में एक्स महसूस करने की क्षमता बना सकते है तो हम निश्चय ही उस परमात्मा के प्रति सचेतन हो सकते है  भगवन के प्रति हमारा समर्पण ही हमें इस मार्ग पर तीव्र गति से आगे बढ  सकता है यह समर्पण जिस अनुपात में होगा उसी अनुपात में हमारी सचेतनता बढ़ेगी इसके लिए हमें हर स्तर पर अपने हर कम को अपना कम नहीं समझकर भगवन का कम समझकर करना चाहिए हमें हमेशा येही सोचना चाहिय की भगवन की हर इच्छा पूरी हो हमसे भगवन जो भी कर्वान्वा चाहे हम, वही करे न की हम जो चाहे वो हो या वो करे इस प्रकैर छोटे छोटे तरीको को हम अपनाकर हमारे जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है 
आशाराम बापू को बार बार क्यों बदनाम किया जा रहा है  केवल इसलिए कि वो एक मात्र हिन्दू संत है जिसके पास दौलत भी है  और उस पैसे का वो प्रदर्शन भी करते है हर बार उन्हें बदनाम करने का प्रयास किया  जाता  रहा है मीडिया भी इस मामले में उतावला दिखाई देता है  उसने कलम उठाने से पहले एक बार भी यह नहीं सोचा की एक ७४ साल का बुजुर्ग किस तरह एस कम कर सकता है जबकि लड़की के मत पिता साथ हो   चाहे कैसा भी गिर हुआ आदमी हो इसी हालत में एस कम नहीं कर सकता एक संत तो फिर कैसे कर सकता है  आज हमें एक झूठे आरोप का विरोध करना चाहिए 

रविवार, 30 जून 2013

bhajan

kaise tohi rijhaoon kana kaise tohi rijhaoo
peet pitambar tohi pahraoo mathe mukut lagaoo
chandan ko thare tilak lagaoo kanan kundal pahraoo
gal baijanti mal pahnaoo aankhan anjan lagaoo
kamar karghani tohi pahraoo pawan noopur bandhaoo
hath lakuti tujhko deoo adhar murli dharaoo
meera ke prabhu girdhar nagar harsh harsh goon gaoo

शनिवार, 29 सितंबर 2012

श्री माँ तथा श्री अरविन्द के द्वारा बताया गया मार्ग
अवचेतन मन से आगे बढ़कर सचेतन मन की अवस्था को पर कर अधिचेतन