हनुवंत नाम संत अति नामी आप हिमालय ध्यान धरयो
भारत माता री रक्षा खातर वो रण माहि दो दो बार लड्योजसोल धरती जलम लेयने धरम धजा फहराय चल्यो
जोग साधियो भोग छोड़ने सूर संत बण इण धर बिचरयो
राजावत श्रवण सी कृत
हनुवंत नाम संत अति नामी आप हिमालय ध्यान धरयो
भारत माता री रक्षा खातर वो रण माहि दो दो बार लड्यो